नेपाल में युवाओं के उग्र विरोध प्रदर्शनों के बाद के.पी. शर्मा ओली को सत्ता छोड़नी पड़ी और पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया, जो देश में स्थिरता की उम्मीद जगाता है। भारत-नेपाल संबंधों के लिए यह सकारात्मक बदलाव है, क्योंकि कार्की का बीएचयू से गहरा जुड़ाव है और उन्होंने पीएम मोदी की प्रशंसा की, साथ ही दोनों देशों के लोगों के बीच सद्भावना पर जोर दिया। ओली के चीन-झुकाव और सीमा विवादों से उपजी तनाव कम हो सकता है, जिससे व्यापार, गोरखा सैनिकों की भर्ती और 35 लाख नेपाली प्रवासियों के हितों को बढ़ावा मिलेगा, मजबूत सीमा सहयोग के साथ। कुल मिलाकर, यह कदम दोनों पड़ोसी देशों के आर्थिक व सांस्कृतिक बंधन को नई ताकत देगा।