कई पार्टियों के घोषणा पत्र देख जाइए, नाबालिगों से बलात्कार के मामले में फांसी की सज़ा दिलाने का वादा है. किसी से बात कीजिए, फौरन कहेगा कि रेपिस्ट को फांसी दी जानी चाहिए. निर्भया के आंदोलन में हमने देखा- कैसे लोग बलात्करियों के लिए फांसी की सज़ा की मांग कर रहे थे, लेकिन क्या सभी बलात्कार हमें एक ही तरह से चुभते हैं? क्या सबके लिए हम फांसी चाहते हैं? इस सवाल का जवाब कभी बिलकीस बानो से पूछिएगा. तीन मार्च, 2002 को गुजरात दंगों के दौरान उसके घर दंगाइयों की भीड़ घुसी. कुल 14 लोगों को घर से निकाल कर मार दिया. इनमें सबसे छोटी तीन साल की बच्ची थी- बिलकीस बानो की बेटी. उसे पत्थर से कुचल कर मार दिया गया. बिलकीस बानो के साथ क्या हुआ? उसके साथ गांव के लोगों ने ही बलात्कार किया.