महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर के बाद अब बारी केरल के सबरीमाला मंदिर की है। जहां 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि महिलाओं के अधिकारों का हनन कैसे हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने लिंग के आधार पर भेदभाव पर चिंता ज़ाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि क्या किसी मंदिर की प्रथा संविधान के अधिकार का अतिक्रमण कर सकती है? हालांकि मंदिर से जुड़े लोग इसे सही ठहरा रहे हैं।