एक महीने के भीतर यह दूसरी बड़ी चूक है. दूसरा बड़ा हमला है. एक महीने में हमारे 38 जवान शहीद हो गए हैं. क्या हम यह सवाल पूछ सकते हैं कि जो तीन सौ नक्सली काले लिबास में आए थे जिन्होंने भारी मात्रा में हथियारों को लूटा, जवानों को मारा और मीडिया में क्या दिख रहा है, उनके छोड़े हुए कपड़े, पानी की बोतलें और गोलियों के खोखे. ये नक्सली कहां से इतनी बड़ी संख्या में आ गए और इतने जवानों को मार कर ग़ायब हो गए. अब ड्रोन सर्विलांस, उपग्रह से ली जाने वाली तस्वीरों की बात क्यों नहीं हो रही है.