नीट और एम्स के इंट्रेंस रिजल्ट आने के बाद छोटे शहरों और गांव के बच्चों की सफलता की कहानियां भी निकलकर बाहर आ रही हैं. वाराणसी में जहां एक बच्चे ने नीट और एम्स में तीसरा स्थान प्राप्त किया तो वहीं मऊ जिले के किसान के बेटे ने पिछड़े वर्ग में चौथा स्थान पाया. वहीं होमगार्ड की बेटी ने भी एम्स में अपना स्थान बनाया. साफ़ है कि पूर्वांचल में बनारस अब इस तरह के एक्जाम की तैयारी की मुफीद जगह बनता जा रहा है जहां बिहार और आसपास के बच्चे सफलता की कहानी लिख रहे हैं.