जब कारगिल युद्ध की बात होती है तो थल सेना की भूमिका का जिक्र जाता होता है भारतीय वायुसेना का कम. लेकिन सच्चाई यह है कि अगर भारतीय वायुसेना ने कारगिल के पहाड़ों पर बमबारी नहीं की होती तो इस जीत को हासिल करने में ज्यादा समय लगता. लेकिन 25 मई 1999 को जब वाजपेयी सरकार ने वायुसेना के इस्तेमाल का फैसला किया तो उसकी सीमाएं भी तय की. हमला करने की इजाजत तो दी लेकिन एलओसी पार करने की नहीं. इसके बावजूद भारतीय वायुसेना के जाबाजों ने ऑपरेशन सफेद सागर से दुश्मनों के दाम खट्टे कर दिए.