हलधर नाग ओडिशा के बरगढ़ जिले के रहने वाले हैं. तीसरी कक्षा तक पढ़े हैं. जब छोटे थे माता-पिता का देहांत हो गया. गरीबी की वजह से होटल में दो साल तक काम किये. बर्तन धोए. एक स्कूल में 16 साल तक रसोईया का काम किये. 30 साल की उम्र में कविता लिखना शुरू किया. 30 भाषाओं में इनकी कविताएं छपी हैं. ओडिशा सरकार ने लोककवि का उपाधि दी है. 2016 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया.