दुनिया के और खासकर लगभग हर शहर में झुग्गियों का जीवन बदतर होता है. इनकी बनावट बहुत खतरनाक और बेतरतीब होती है. इनमें एक कमरे के अलावा कुछ नहीं होता. न शौचालय, न नालियों की व्यवस्था और न ही पीने के लिए साफ पानी की सुविधा. यहां रहने वालों की कहीं कोई सुनवाई नहीं होती. ये लोग विकास और आर्थिक पैमाने पर बहुत नीचे होती हैं.