आठ माह बाद जेल से रिहा हुए गोरखपुर बीआरडी कांड के आरोपी डॉ.कफील खान ने आठ माह के अपने जेल के अनुभव को NDTV के साथ सांझा किया उन्होंने कहा कि
हमारे बैरक को शाम को 6 बजे बंद कर देते थे. फिर सुबह तक उसी बैरक में रहना होता था. 12 घंटे उस बैरक में बिताने के बाद फिर आप थौड़ा बहुत इधर उधर टहल सकते हो. हमारे बैरक की क्षमता 60 लोगों की थी लेकिन कभी- कभी उसमें 150 कभी 180 हो लोग हो जाते थे और वहां केवल एक ही टॉयलेट था.