एक सरकार किसी के पीछे पड़ जाए तो वह क्या-क्या कर सकती है यह जानना हो तो इस वक्त एक कहानी काफी है. डॉ. कफ़ील ख़ान की कहानी. सोमवार को अलीगढ़ के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ज़मानत देते हैं लेकिन उन्हें 72 घंटे तक रिहा नहीं किया जाता है. 72 घंटे बाद यूपी की पुलिस को ख्याल आता है और वह डॉ. कफील ख़ान पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगा देती है जिसके तहत 1 साल तक जेल में रखा जा सकता है. उधर बिहार में कन्हैया की सभा से लौटने के बाद हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. मनीष कुमार ने बताया है कि दो हफ्ते के भीतर कन्हैया पर आठ बार हमले हो चुके हैं. कन्हैया 30 जनवरी से ही जन गण मन यात्रा पर हैं. इस यात्रा की शुरूआत चंपारण के भितिहरवा से शुरू हुई थी. कन्हैया के साथ जेएनयू के ही पूर्व अध्यक्ष शकील अहमद खान भी हैं. कन्हैया हर दिन दो बार सभा कर रहे हैं. करीब 30 सभाएं कर चुके हैं. कई जगहों पर कन्हैया की सभा में भारी भीड़ देखी गई है. तो क्या इस वजह से कोई विचलित हो रहा है और हमले की योजना बना रहा है.