18 सितंबर की सुबह उरी में सेना के शिविर पर हुए हमले के कई अहम ब्योरे एनडीटीवी के हाथ लगे हैं. ये साफ़ नज़र आ रहा है कि आतंकियों को किसी जानकार शख़्स की मदद मिली है और शिविर की सुरक्षा में लापरवाही का ख़मियाज़ा इतने जवानों को अपनी शहादत देकर भुगतना पड़ा है.