विकास दर के आंकड़े शुक्रवार को सामने आए और जो अनुमान लगाए जा रहे थे, विकास दर उससे काफ़ी नीचे चली गई है. पिछले 6 साल में सबसे कम है विकास दर. पिछले साल इसी क्वार्टर में 8 प्रतिशत थी, अब 5 हो गई है. आसान भाषा में समझाया जाए तो हाईवे पर पिछले साल गाड़ी 80 पर चल रही थी, अभी भी चल रही है आगे, बस स्पीड 80 से घटकर 50 हो गई है. किस तरीके से देखा जाए इसको? आज की ख़बरों की ख़बर में हम पूछ रहे हैं ये तीन महत्वपूर्ण सवाल. क्या अब मान लिया जाए कि ये मंदी है? क्या सरकार की ओर से अब तक उठाए गए कदम काफ़ी हैं? रोज़गार और मैन्युफ़ैक्चरिंग बढ़ाने के लिए कहां है ब्लूप्रिंट?