शरद पवार ने अपनी घोषणा के तीन दिन बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बढ़ते दबाव के बीच शुक्रवार को राकांपा अध्यक्ष पद छोड़ने का अपना फैसला वापस ले लिया. इस्तीफा देने की उनकी घोषणा से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता के प्रयासों पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया था.