अजमेर में 1992 के कुख्यात यौन शोषण मामले को सामने आए 30 साल हो चुके हैं, किशोरावस्था में बलात्कार किया गया था, उनमें से कुछ अब दादी बन चुकी हैं, अभी तक उन्हें न्याय नहीं मिल सका है. वहीं पोक्सो अधिनियम के मुताबिक, एक साल में ट्रायल को पूरा किया जाना होता है.
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