प्रकाशित: मार्च 06, 2019 06:50 PM IST | अवधि: 2:40
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अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट में अहम हुई. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की अगुवाई में पांच जजों का संविधान पीठ ने केस में मध्यस्थता के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है.सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पिछली सुनवाई के दौरान सुझाव दिया था कि दोनों पक्षकार बातचीत का रास्ता निकालने पर विचार करें. अगर एक फीसदी भी बातचीत की संभावना हो तो उसके लिए कोशिश होनी चाहिए.
संविधान पीठ ने कहा था कि ये विवाद दो धर्मों की पूजा अर्चना से जुड़ा हुआ है लिहाजा इसे कोर्ट द्वारा नियुक्त किये गए मध्यस्थ के जरिये सुलझाने की पहल की जानी चाहिए. पीठ ने कहा था कि मुख्य मामले की सुनवाई 8 हफ्ते के बाद होगी तब तक आपसी समझौते से विवाद को सुलझाने का एक प्रयास किया जा सकता है. इस पर रामलला विराजमान और हिन्दू महासभा ने विरोध जताया था, जबकि मुस्लिम पक्ष और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा था कि वो आपस में बातचीत करने के लिए तैयार है.