सुप्रीम कोर्ट का एक ऐतिहासिक फैसला आया है. 26 साल बाद सात जजों की बैंच ने 5 जजों की संविधान पीठ के अपने ही फैसले को पलट दिया है. पी वी नरसिम्हा राव से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहता था कि कोई संसद का सदस्य या विधायक रिश्वत लेकर सदन में भीतर वोट करता है या भाषण देता है, तो उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती है. ऐसे सांसदों और विधायकों को कानून से संरक्षण मिलेगा, क्योंकि सदन का सदस्य होने के कारण उनको विशेषाधिकार प्राप्त है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. आइए आपको बताते हैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मायने...