सच की पड़ताल : आदिपुरुष की भाषा में हमारे समय की भाषा का गिरता स्‍तर दिखाई पड़ता है?

फिल्‍म आदिपुरुष को लेकर हंगामा मचा हुआ है. एक राजनीतिक घमासान भी है, क्‍योंकि फिल्‍म में कई जगहों पर हनुमान और अंगद बिलकुल सड़क छाप भाषा का इस्‍तेमाल करते नजर आते हैं. लोग हैरान हैं कि उनके आराध्‍य देव तो ऐसी भाषा नहीं बोलते थे या न बोल सकते थे. कई जगह पर इसका विरोध शुरू हो गया है. हालांकि विरोध के बाद फिल्‍म निर्माताओं ने बयान जारी किया और कहा कि वो जन भावनाओं का सम्‍मान करते हैं. फिल्‍म के वो संवाद बदले जाएंगे जिनसे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. ऐसे में सवाल है कि क्‍या आदिपुरुष की भाषा में हमारे समय की भाषा का गिरता हुआ स्‍तर दिखाई पड़ता है?

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