तो क्या भारत की तुलना यूरोप ,अमेरिका, जापान या और देशों से करने के बजाए अगर हम पाकिस्तान,बांग्लादेश और श्रीलंका से करें तो क्या हमें बेहतर समझ मिलती है ? इस पर इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख लिखा है प्रियंका श्रीवास्तव और दीपांकर बसु ने. दीपांकर यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत की.