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रवीश कुमार का प्राइम टाइम : कोरोना से कहीं ज़्यादा भूख न जानलेवा हो जाए

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24 मार्च को जब भारत में लॉकडाउन की घोषणा हुई थी तो भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 562 थी जबकि 9 लोगों की मौत हुई थी. 13 अप्रैल की सुबह तक भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 9152 हो गयी और मरने वालों की संख्या 308 हो गयी. तालाबंदी के इन हफ्तों में अगर आप देखें आंकड़ों में तो संक्रमित मरीजों की संख्या में बहुत वृद्ध‍ि नहीं हुई है जैसी अमेरिका, इटली जैसे देशों में हुई थी. इसका मतलब ये है कि आप तालाबंदी के नियमों का पालन करें. जब भी बाहर जाएं किसी से भी 6 फीट की दूरी बना कर रखें. हाथों की सफाई पर ध्यान दें, मास्क लगाकर रखें. क्योंकि इन सब आदतों से ही हम कोरोना से बच सकते हैं. 29 मार्च को कोविड-19 के मरीजों की संख्या 979 थी 23 लोगों की मौत हुई थी. 12 अप्रैल तक मरीजों की संख्या 8356 हो गयी और मरने वालों की संख्या 273 हो गयी. 24 घंटे में 796 नए मामले सामने आ गए. दुनिया भर में 6 प्रतिशत मरीजों को गंभीर माना जाता है भारत में गंभीर मरीजों का औसत 20 प्रतिशत निकला है. 8356 में से 1671 मरीज गंभीर हैं. भारत में 42 हजार लोगों की व्यवस्था की गयी है. भारत में सैंपल टेस्ट में तेजी आयी है. लेकिन अब भी हम कम ही टेस्ट कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्य जांच करवाने में पीछे हैं.



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