क्या आप यकीन करेंगे कि दिल्ली में 46 लाख लोगों को कोविड का संक्रमण हुआ और ठीक भी हो गए, उन्हें पता भी नहीं चला? लेकिन ऐसा सीरो टेस्ट के नतीजों के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है. 46 लाख लोग दिल्ली के भीतर संक्रमित हुए है. क्या आंकड़े कुछ और भी कहना चाहते हैं? क्या ऐसा ही हम आंकड़ों को कभी इस तरफ से, कभी उस तरफ से देख कर इस महामारी की वास्तविकता से बचने का प्रयास कर रहे हैं या वाकई हम इससे लड़ रहे हैं?