रवीश कुमार का प्राइम टाइम: लव जिहाद- क्या अब शादी के फैसले पर भी सरकारी पहरा होगा ?

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  • प्रकाशित: नवम्बर 18, 2020
भारत का समाज बुनियादी रूप से प्रेम का विरोधी है. किसी को प्रेम न हो जाए. अपनी पसंद से धर्म या जाति के बाहर शादी न हो जाए. इस आशंका में डूबा रहता है ,डरा रहता है. एक ऐसा समाज जो सोते जागते गीतों में सिर्फ प्रेम गीत ही सुनता है. प्रेम से इतना डरता है कि डर का भूत खड़ा करता है. ऐसे ही एक भूत का नाम है लव जिहाद.

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