भारत की आम जनता ने एक रिकार्ड बनाया है. आम खाने का नहीं बल्कि महंगा पेट्रोल खरीद कर सरकार को कई लाख करोड़ टैक्स देने का रिकार्ड. ये वो रिकार्ड है जो अमरीका की पूरी आबादी नहीं बना सकती. उपभोक्तावादी अमेरिकी लोग इस त्याग को समझ ही नहीं सकते हैं. अमेरिकी लोगों को अपनी सरकार से मंदी के संकट में 220 लाख करोड़ का पैकेज मिला. जिनकी नौकरी नहीं गई है उन्हें भी तीन तीन हज़ार डॉलर का चेक मिला. भारतीय रुपये में दो लाख होता है. परिवार के हर सदस्य को मिला. ऐसे लोगों ने चेक ले भी लिया. आध्यात्मिक भारत के लोगों को ऐसा कुछ नहीं मिला, मिलता भी तो शायद वे ठुकरा देते. क्या पता इसलिए भी सरकार ने नहीं दिया. वक्त आ गया है कि भारत के सभी पेशे के बर्बाद लोग अमेरिका की निंदा करें कि हम बर्बाद हो गए लेकिन हमने तो डोल नहीं लिया. उसकी जगह लोन लिया. भारत को इस हीन भावना से निकलना ही होगा, अमेरिका की निंदा करनी ही होगी. मंत्रियों को भी ट्वीट कर भारत की मिडिल क्लास जनता को इस बात का श्रेय देना चाहिए कि सरकार से कुछ न मांगने के लिए आभार. और तो और आपके सहयोग से प्रेरित होकर हम पेट्रोल और डीज़ल के दाम और बढ़ाएंगे.