क्या बिहार चुनावों में स्वास्थ्य की बात हो रही है? प्रखंड से लेकर जिलास्तर तक कई अस्पतालों की हालत इतनी खराब है कि वहां न ICU है ना बेड. अगर डॉक्टर हैं भी तो बहुत ही कम. अस्पतालों के नाम पर भवन बनाने में ही कई साल निकाल दिए जाते हैं. और जब जनता का सब्र टूट जाता है तो एक बीमा पॉलिसी लॉन्च कर दी जाती है, झांसा देने के लिए. जब अस्पताल ही नहीं होंगे तो इस बीमा पॉलिसी का क्या फायदा होगा? सैकड़ों करोड़ रुपये स्वच्छता अभियान के विज्ञापन पर खर्च कर दिए गए. लेकिन अगर आप सरकारी अस्पतालों में सफाई का हाल देखेंगे तो इलाज से विश्वास उठ जाएगा.