पारदर्शिता की नई परिभाषा अगर आपको समझनी है तो 2017 में पास इलेक्टोरल बॉन्ड के कानून से समझ सकते हैं. इस कानून के पास होने के बाद आप कभी नहीं जान सकते कि किसी एक दल को कई सौ या कई हज़ार करोड़ रुपये का चंदा किस कंपनी या कंपनियों के किस समूह से मिलता है?