रवीश कुमार का प्राइम टाइम : पेट्रोल-डीज़ल पर तैर रही है मोदी सरकार की नैया

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  • प्रकाशित: सितम्बर 28, 2021
पेट्रोल की कीमतों पर बात नहीं करने से कीमतें कम नहीं होती हैं. अगर ये सच है तो फिर ये भी सच है कि बात करने से भी कीमतें कम नहीं होती हैं. पिछले कई महीने से भारत की जनता ने 100 रुपये लीटर पेट्रोल ख़रीद कर दिखा दिया है कि जिस विकास में उसकी भागीदारी का पता नहीं उस विकास के लिए वह अपना विकास रोककर 100 रुपये लीटर पेट्रोल खरीद रही है. विकास से जनता का विकास भले न होता हो लेकिन जनता से विकास का विकास हो सकता है. इसे ऐसे समझें. जनता का विकास बंद है लेकिन जनता ने विकास का विकास बंद नहीं किया है.

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