जिन लोगों ने मोइनुल हक़ के बारे में बात नहीं की वे चाहें तो कानपुर के मनीष गुप्ता की बात कर सकते हैं. असम के दोरांग की घटना को तमाम तरह के बयानों से निपटा दिया गया लेकिन गोरखपुर गए मनीष गुप्ता के साथ पुलिस ने जो किया है क्या उस पर भी बात नहीं होगी. बात करेंगे तो आपको मोइनुल हक में मनीष गुप्ता दिखाई देंगे और मनीष गुप्ता में मोइनुल हक दिखाई देंगे.