चार जज कहें कि हम नहीं चाहते कि कोई ऐसे याद करे कि इन्होंने अपनी आत्मा बेच दी और हम बहस उनके उठाए सवालों पर नहीं कर रहे हैं. माननीय न्यायमूर्तियों के सवालों को किनारे लगाकर टीवी मीडिया और सोशल मीडिया इस पर चर्चा करने लगा कि इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि क्या है, प्रेस कांफ्रेंस क्यों किया, राष्ट्रपति के पास क्यों नहीं गए, चीफ जस्टिस से बात क्यों नहीं की.