NDTV Battleground में प्रोफेसर संजय कुमार ने कहा कि 2014 और 2019 के चुनाव को देखें तो उसमें जो हम कहते है Late Decided जो आखिरी दिनों में मन बनाते है उनकी संख्या कम थी. 2014 और 2019 ऐसा चुनाव था जिसमें तादाद में लोगों ने पहले ही मन बना लिया था. 2014 का चुनाव था Congress को हटाना है UPA सरकार को हटाना है और उस समय प्रधानमंत्री नहीं थे लेकिन BJP और मोदी जी के लिए Vote करना है. 2019 में भी लगभग कुछ ऐसा ही था. तो वो तादाद बहुत छोटी थी जिन्होंने आखिरी दिनों में मन बनाया और आखिरी दिन का मतलब आखिरी के एक दो दिनों में बारह तेरह Percent. लेकिन मुझे लगता है इन चुनाव में उसकी तादाद फिर गई है. जैसा पहले के चुनाव में होता था. आखिरी के दिनों में और ये Late Swing जैसा दिखता है.आखिरी में Late Deciders ने मन बनाया और जिन बातों का जिक्र किया, मैं भी बार बार ये कह रहा हूँ जो 400 पार का नारा औंधे मुंह पड़ा.