म्यानमार से जान बचाकर आए रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर भारत में चुप्पी क्यों है. क्या इसलिए रोहिंग्या के साथ मुसलमान लगा है? अगर यही आधार है तो क्या हम जानना चाहेंगे कि पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों के साथ हम क्या करते हैं? फिर यह जानने के बाद क्या आप नए सिरे से सोचना चाहेंगे कि शरणार्थियों को लेकर हमारा नज़रिया हिन्दू बनाम मुस्लिम को होना चाहिए या इंसानियत बनाम हैवानियत का होना चाहिए. (वीडियो सौजन्य : चैनल न्यूज एशिया)