राफेल विमान पर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान का अभी तक किसी ने खंडन नहीं किया है. फ्रांस सरकार ने उनके बयान पर नाख़ुशी ज़रूर ज़ाहिर की है मगर यह नहीं बताया है कि अनिल अंबानी का नाम किसकी तरफ से रखा गया था. फ्रांस्वा ओलांद ने भी अभी तक अपने बयान का खंडन नहीं किया है. शुक्रवार से सोमवार आ गया. शुक्रवार को मीडियापार्ट वेबसाइट ने फ्रांस्वा ओलांद का बयान छापा था. 10 अप्रैल 2015 को फ्रांस्वा ओलांद और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच ही समझौता हुआ था. मीडिआपार्ट भी अपनी ख़बर पर कायम है. उसके एडिटर का एक वीडियो बयान भी चल रहा है जिसमें वो अपने अखबार के इंटरव्यू का बचाव कर रहे हैं और बता रहे हैं कि फ्रांस्वा ओलांद ने साफ-साफ क्या कहा था. राहुल गांधी ने इसे ट्वीट किया था.