भारत के युवा हमेशा ही निराश करते हैं. उनसे उम्मीद थी कि वे नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम को लेकर महीनों डिबेट में डूब जाएंगे लेकिन वे नौकरी पर डिबेट की मांग करने लगे. भारत-इंग्लैंड टेस्ट मैच के दूसरे दिन का खेल शुरू होने से पहले ही इन युवाओं ने नौकरी की बात शुरू कर दी. भारत के युवाओं को कौन सा टॉपिक दिया जाए, जिससे वो रोजगार के मुद्दे से भटक जाएं, इसमें दोष युवाओं का नहीं है, दोष रिश्तेदारों के व्हाट्सएप ग्रुप का है. नौकरी, रोजगार जैसे मुद्दे सोशल मीडिया में कितने हावी हैं. महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर ये चुप्पी क्यों है.