आज एक अप्रैल है लेकिन मैं आपको अप्रैल फूल नहीं बनाऊंगा, क्योंकि अब तो आप हर दिन ही अप्रैल फूल बनाए जाते हैं. इतनी ही कोशिश होगी कि आप यह देख सकें कि नागरिकता कानून CAA और नेशनल रजिस्टर आफ सिटिज़न्स NRC को लेकर आप किस तरह से अप्रैल फूल बनाये जाते रहे हैं. याद कीजिए, 2019 की सर्दियों का तापमान, इन मुद्दों के कारण कितना गरम था और जब 2021 की गर्मियों में चुनाव हो रहे हैं तो यह मुद्दा यहां-वहां नज़रें चुराते फिर रहा है. बीजेपी CAA-NRC को लेकर कुछ बोलती है तो असम में कुछ. तमिलनाडु में बीजेपी उसके साथ चुनाव लड़ रही है तो वहां की जनता से इस कानून को हटाने का वादा कर रही है. असम में उसके साथ लड़ रही हो, जो घोषणापत्र में इसका ज़िक्र तक नहीं करती है. तब बीजेपी नहीं चाहती थी कि कोई इस पर चुप रहे जब अगस्त 2019 के बाद से NRC और नागरिकता कानून को लेकर देश भर में राजनीतिक तापमान गरम किया जा रहा था.