अब जब दिवाली आ गई है तो इस मौके पर उन्हें भी याद करना चाहिए जिनके अपने कभी नहीं लौट सकेंगे. कोरोना की दूसरी लहर के बाद की इस दिवाली में उनकी याद भी शामिल होनी चाहिए जिन्हें भुला देने की कोशिश में उस पूरे दौर पर ही अंधेरी चादर ओढ़ा दी गई है. जिन्हें हटा कर रौशनी में लाने की ज़रूरत है.