केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक सभी मानकों में यमुना नदी दिल्ली में फेल हो जाती है। एक अध्ययन के मुताबिक यमुना के गंदे पानी से निकलने वाली जहरीली गैसें दिल्ली मेट्रो को भी नुकसान पहुंचा रही हैं। यमुना की सफाई के नाम पर चले अभियानों में अब तक 1500 करोड़ रुपये से ज़्यादा खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन यमुना मैली की मैली ही रही। ऊपर से चिंता ये कि हम अब भी यमुना को लेकर संवेदनशील नहीं हुए हैं। अगर हुए होते तो क्या आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल के लिए यमुना किनारे एक बड़े इलाके में इतने बड़े आयोजन की मंजूरी देते।