केंद्र में मौजूद सरकार पर हमेशा से आरोप लगता रहा है कि वो जांच एजेंसियों का सियासी इस्तेमाल करती है. मई 2013 में सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने कोयला घोटाला से जुड़े एक मामले में सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी की थी और कहा था कि CBI पिंजरे में बंद तोते जैसी हो गई है, जो सिर्फ अपने राजनैतिक आकाओं की भाषा बोलती है.