गुजरात के उना शहर में दलित उत्पीड़न की तस्वीर आंखों से ज्यादा मन को चुभती है। एक समाज के नाते हम सभी को सोचना चाहिए कि लाठी लेकर दलितों को मार रहे युवकों के मन में इस हिंसा को किसने भरा है। परिवार, समाज, धर्म शास्त्र, संस्कार या राजनीतिक विचारधारा ने। जिन लोगों ने गौ रक्षक के नाम पर लाठी उठाई वो नफ़रत और दुस्साहस की किस पाठशाला के पास आउट हैं।