भारत जैसे विशाल देश में मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं की संख्या सिर्फ 90 थी, जिसे अब कम करके एक किया जा रहा है। बात तो ठीक लगती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला तभी आया जब कई राज्यों में बच्चे प्रवेश परीक्षा दे चुके थे, कई राज्यों में पहली पारी की परीक्षा के नतीजे भी आ गए थे और कई राज्यों में परीक्षाएं होने वाली हैं।
Advertisement
Advertisement