सुप्रीम कोर्ट में वकील शिव सागर तिवारी ने जनहित याचिका दायर की है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी की जगह हिन्दी हो। सुप्रीम कोर्ट ने गृहमंत्रालय और कानून मंत्रालय से इस बारे में पूछा है कि वो क्या सोचते हैं। 75 साल के तिवारी जी का कहना है कि फैसला अंग्रेजी में लिखा होने के कारण वादी प्रतिवादी यानी पक्ष विपक्ष के लोग समझ ही नहीं पाते। नियमों के मुताबिक किसी राज्य का राज्यपाल हाईकोर्ट में किसी भी भाषा के इस्तेमाल की अनुमति दे सकता है। हिन्दी या उस इलाके की स्थानीय भाषा।