2013 से 2015 के बीच भारत के सरकारी बैंकों ने बड़ी-बड़ी कंपनियों का 1.14 लाख करोड़ का डूबा हुआ कर्ज़ माफ़ कर दिया। देश के क़रीब आधे किसान कर्ज़ में डूबे हैं। इनमें से 42 फीसदी बैंकों के कर्ज़दार हैं और 26 फीसदी महाजनों के कर्ज़दार हैं। 31 मार्च, 2015 तक देश के टॉप पांच बैंकों का 4.87 लाख करोड़ रुपया सिर्फ़ 44 बड़ी कंपनियों पर बकाया था। ये सभी बकाएदार वो हैं जिन पर पांच हज़ार करोड़ से ज़्यादा का बकाया है।