राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक बार फिर घटती सहनशीलता पर चिंता जताई। उन्होंने याद दिलाया कि हमारी सभ्यता मनुष्यता और बहुलता की है- 5000 साल की इस सभ्यता में असहमति के सम्मान की परंपरा है, जो कमज़ोर पड़ रही है। वहीं दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे जम्मू-कश्मीर के निर्दलीय विधायक इंजीनियर राशिद के चेहरे पर कुछ लोगों ने स्याही पोत दी।