पोप फ्रांसिस ने वेटिकन सिटी में एक भव्य समारोह में भारतीय नन मरियम थ्रेसिया और चार अन्य को रविवार को संत घोषित किया. मई 1914 में ‘कॉन्ग्रिगेशन ऑफ द सिस्टर्स ऑफ द होली फैमिली’ (सीएचएफ) की स्थापना करने वाली मरियम थ्रेसिया को सेंट पीटर्स स्क्वायर में एक समारोह के दौरान सदियों पुराने इस संस्थान के सबसे ऊंचे पद का सम्मान दिया गया. केरल की नन के साथ ही ब्रिटिश कार्डिनल जॉन हेनरी न्यूमैन, स्विस लेवीमेन मार्गरेट बेज, ब्राजील की सिस्टर डुल्स लोप्स और इतालवी सिस्टर गिसेपिना वानीनि को भी संत की उपाधि से विभूषित किया गया. इस समारोह के दौरान सेंट पीटर्स के बेसिलिका से पांच नये संतों की विशाल तस्वीरें लटकाईं गईं. इस समारोह में लाखों लोग शामिल हुए. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने समारोह में भारतीय शिष्टमंडल की अगुवाई की. रविवार के कार्यक्रम के साथ ही केरल के साइरो-मालाबार चर्च के संतों की संख्या अब चार हो गई.मरियम थ्रेसिया को उनके जीवन के आधे समय तक केवल थ्रेसिया नाम से जाना जाता था. यह नाम उन्हें तीन मई, 1876 को नामकरण संस्कार के दौरान दिया गया. 1904 से वह चाहती थीं कि उन्हें मरियम थ्रेसिया पुकारा जाए क्योंकि उनका मानना था कि एक सपने में ब्लेस्ड वर्जिन मेरी ने उन्हें उनके नाम में 'मरियम' जोड़ने को कहा था. उन्हें 1914 में यह नाम दिया गया. चर्च ने उन्हें एक असाधारण पवित्र व्यक्ति घोषित किया.