प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉ संदीप बुद्धिराजा ने बताया कि उन्होंने प्लाज्मा थेरेपी एक ही परिवार के दो सदस्यों पर आजमाई थी. एक पिता और एक उनके बेटे पर . मरीज वेंटीलेटर पर थे और उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा था इसलिए परिवार को इसके लिए राजी किया गया . पिता को तो नहीं बचाया जा सका पर उनके 49 वर्षीय बेटे जो कि वेंटीलेटर पर थे उनकी स्थिति में सुधार हुआ. प्लाज्मा डोनर तीन हफ्ते पहले कोरोना से रिकवर हो गए थे. इसलिए उनका प्लाज्मा लिया गया. प्लाज्मा डोनेशन ब्लड डोनेशन जैसा ही है.