कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35-A को हटाने के बाद मोबाइल फ़ोन और इंटरनेट बंद कर दिए गए थे, जिसका मक़सद आतंक पर लगाम लगाना और किसी अप्रिय हालात को रोकना बताया गया था लेकिन जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उससे लग रहा है कि फ़ोन और इंटरनेट बंद करने का असर आतंक के ख़िलाफ़ कार्रवाई पर भी पड़ा जिसकी वजह से पिछले 2 महीनों में सिर्फ़ 6 आतंकी ढेर हुए. जबकि पहले औसतन 25-26 आतंकी मारे जाते थे.