73 साल बाद थॉमस कप भारत की झोली में आया है. यह अपने आप में ऐतिहासिक क्षण रहा. थॉमस कप मेंस बैडमिंटन के वर्ल्ड कप के समान है. हमारे खिलाड़ी जिस तरह खेले उससे पूरे देश को गर्व हुआ. एचएस प्रनोय ने कहा कि हम में से किसी ने नहीं सोचा था कि हम गोल्ड जीतकर आएंगे.