निखत को उनके कठिन समय में कई लोगों ने मदद की. उन्होंने कहा कि आईजीआई में जब रोई थी तो दुख के आंसू थे, जब गोल्ड जीतकर रोना आया तो यह खुशी के आंसू थे. बाहर से लोग हमेशा कहते हैं कि वे आपके साथ हैं लोकिन इंसान को संघर्ष में पहले खुद ही खुद के लिए खड़े होना होता है.