ग्रेटर नोएडा वेस्ट यानी नोएडा एक्सटेंशन के बिल्डर और घर ख़रीदने वालों का टेंशन सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद कम होता दिख रहा है। दरअसल इस इलाके में 2010 में बिल्डरों ने अफॉर्डबल हाउसिंग के नाम पर घर बेचना शुरू किया और दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले मिडिल क्लास ने यहां घर खरीदना शुरू किया। लेकिन जिन किसानों से ज़मीन ली गई, उनका आरोप था कि उनसे इमरजेंसी क्लॉज लगाकर ज़मीन ली गई और फिर ज़मीन बिल्डरों को ज़्यादा कीमत पर बेच दी गई।