जाट नेताओं ने हरियाणा सरकार को 5 जून से एक बार फिर आंदोलन की धमकी दी है। राज्य सरकार ने पिछली बार के आरक्षण आंदोलन में भड़की हिंसा के बाद जाटों को आरक्षण देने का रास्ता निकाला भी था, लेकिन हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या आरक्षण का यह मुद्दा सामाजिक से ज्यादा राजनीतिक है? क्या सरकार ने पिछले आंदोलन में भड़की हिंसा से सबक लिया? और आंदोलन के दौरान हुए नुकसान के लिए आखिर जिम्मेदार कौन?