अगले साल की शुरुआत के साथ ही भारत-भूटान और नेपाल की सीमाओं के बीच मानस और कंचनजंगा वन्य क्षेत्र की श्रृंखला में जैव विविधता को जन भागीदारी के ज़रिए मज़बूत किया जाएगा. इन तीनों देशों के बीच पूरे क्षेत्र में फैली जैव विविधता का वैश्विक महत्व है, जिसे वन्य जीवों के साथ संरक्षित करने की ज़रूरत है. संयुक्त राष्ट्र का ये पांच साल का प्रोजेक्ट पूरे पूर्वी हिमालय क्षेत्र में, जैव विविधता और वन्य जीवों के संरक्षण को लेकर एक गेम चेंजर साबित हो सकता है. भारत-भूटान सीमा से हमारे सहयोगी रतनदीप चौधरी की एक ख़ास रिपोर्ट.