कपालि पटने एक न्यूट्रिशनिस्ट थीं जो अस्पताल जाने से कतराती थीं. उनके पति परीक्षित दलाल 13 साल पहले कपाली और नवजात बच्चे को खोने के बाद कुछ ऐसे ही सोच अस्पतालों के बारे में रखते हैं. उनकी पत्नी और नवजात बच्चे की अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से मौत हो गई थी. राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने लापरवाही करने वाले बेंगलुरु के अस्पताल को डेढ़ करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.