राजनीतिक उथल पुथल बहुत हो रही है. लेकिन एक जरूरी चीज हैं कि जिसपर चर्चा बहुत कम हो रही है. लेकिन होनी सबसे ज्यादा चाहिए थी. वो चर्चा इस बात पर कि बड़े जोर-शोर से 21 जून के बाद जब 88 लाख वैक्सीन हमनें पार कर ली थी. हम बड़े खुश हुए और होना भी चाहिए. लेकिन उसके बाद वो रिकॉर्ड रखने और बढ़ाने के बजाए उसको मेंटेन भी नहीं कर पाये.